"दस रवि से दस चन्द्र से बारह ऋषिज प्रमाण,चार हुतासन सों भये कुल छत्तिस वंश प्रमाणभौमवंश से धाकरे टांक नाग उनमानचौहानी चौबीस बंटि कुल बासठ वंश प्रमाण."अर्थ:-दस सूर्य वंशीय क्षत्रिय दस चन्द्र वंशीय,बारह ऋषि वंशी एवं चार अग्नि वंशीय कुल छत्तिस क्षत्रिय वंशों का प्रमाण है,बाद में भौमवंश नागवंश क्षत्रियों को सामने करने के बाद जब चौहान वंश चौबीस अलग अलग वंशों में जाने लगा तब क्षत्रियों के बासठ अंशों का पमाण मिलता है।सूर्य वंश की दस शाखायें:-१. कछवाह२. राठौड ३. बडगूजर४. सिकरवार५. सिसोदिया ६.गहलोत ७.गौर ८.गहलबार ९.रेकबार १०.जुननेचन्द्र वंश की दस शाखायें:-१.जादौन२.भाटी३.तोमर४.चन्देल५.छोंकर६.होंड७.पुण्डीर८.कटैरिया९.स्वांगवंश १०.वैसअग्निवंश की चार शाखायें:-१.चौहान२.सोलंकी३.परिहार ४.पमार.ऋषिवंश की बारह शाखायें:-१.सेंगर२.दीक्षित३.दायमा४.गौतम५.अनवार (राजा जनक के वंशज)६.विसेन७.करछुल८.हय९.अबकू तबकू १०.कठोक्स...