कुत्ता :
कुत्तों की आदत होती है कि वे झुंड में रहकर अपना शिकार करते है।
बड़ी बुरी तरह से शिकार को नोचते खाते है।
कुत्ते अपना पेट मरे हुये जानवर की हड्डी के टुकडे से भी भर सकते है।
कुत्ते को जब भूख लगी होती है तो वह पूंछ हिलाकर आगे पीछे घूम कर अपने भोजन को लेने के चक्कर में रहता है।
जब उसे किसी प्रकार से भोजन नही मिलता है तो वह चोरी से भोजन लेने की फ़िराक में रहता है।
और जब उसे किसी तरह से भोजन नही मिलता है तो वह अपनी शक्ति को इकट्ठा करने के बाद खूंखार हो जाता है और फ़िर वह नही देखता है कि वह अपने मालिक को काट रहा है या अपने ही कुल को काट रहा है।
शेर:
अक्सर शेर अकेले शिकार करता है।
शेर आराम से अपने शिकार को खाते है।
अक्सर जब शेर की ताकत क्षीण होने लगती है तो वह अपने को अपनी गुफ़ा के अन्दर समेट लेता है।
शेर जबरदस्ती में भी उसके शिकार पर अपना जीवन चलाने वाले कुत्तों के बीच में रहना पसंद नही करता है।
शेर को चाहिये होता है अपने ही द्वारा मारे गये जानवर का ताजा मांस वह किसी के मारे हुये जानवर को भी अपना भोजन नही बनाता है।
शेर को भूखा मरना पसंद है लेकिन वह किसी के मारे गये सड़े मांस को कभी नही खायेगा और किसी के द्वारा दिये गये सहानुभूति वाले भोजन को लेना तब तक पसंद नही करेगा जब तक कि उसे आदर पूर्वक भोजन नही दिया जाये।
शेर कितना ही भूखा होगा वह अपने मालिक को नही काटेगा,वह अपने कुल को नही काटेगा,अपने को एकान्त मे लाकर पटक देगा और वहीं मर बेसक जायेगा,लेकिन किसी भी तरह से अपमान का भोजन ग्रहण नही करेगा।
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